गुजरात के सूरत में पांच दिन के नवजाद बच्चे का अंगदान हुआ है जिसकी वजह से चार बच्चों को नई जिंदगी मिली है। भारत में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतने कम उम्र के बच्चे का अंगदान किया गया है वहीं विश्व में भी ये ऐसा दूसरा मामला है!
नवजात को किया ब्रेनडेड घोषित
गुजरात के सूरत में वालक पाटिया इलाके के गीतांजलि रो हाउस में रहने वाले हर्ष भाई संघानी के घर में 13 अक्टूबर की दोपहर को एक बेटे ने जन्म लिया था। जिसके जन्म लेने के बाद बच्चा ना तो रोया था और ना ही बच्चे में कोई हलचल हुई थी जिसकी वजह से बच्चे को वेंटिलेटर पर भी रखा गया लेकिन अफसोस है कि वेंटिलेटर पर रखने के बाद भी बच्चे की रिकवरी नहीं हो सकी जिसके बाद बच्चे का इलाज करने वाले पीडियाट्रिक डॉक्टर अतुल सेलडिया जिन्होंने 72 घंटे तक बच्चे को बचाने की कोशिश की थी अंत में उन्होंने बच्चे को ब्रेनडेड घोषित कर दिया।
परिजनों को डॉक्टर ने दी ऑर्गन डोनेट की सलाह
ब्रेन के फंक्शन को खून न मिलना, ऑक्सीजन न मिलना और इंफेक्शन होने से बच्चा कोमा में चला जाता है लेकिन ऐसे बच्चे के अंगदान से पांच से छ बच्चों को जीवनदान मिल सकता है। पांच दिन के इस नवजात बच्चे के अंगदान करने के लिए डॉ. ने ही नवजात के परिजनो को बतााया था जिसके बाद बच्चे की दादी ने अपने परिवार को समझाया कि हमें अपने बच्चे का अंगदान करना चाहिए। ‘हमारे घर खुशी आने वाली थी, वो नहीं आई लेकिन अंगदान करके हम दूसरों को खुशी दे सकते हैं।’
डॉक्टर ने बच्चे के ऑर्गन डोनेशन के बारे में जीवनदीप ऑर्गन डोनेशन फाउंडेशन के पीएम गोंडलिया और विपुल तलाविया को बताया जिसके बाद बच्चे के ऑर्गन डोनेट किए गए।
क्या बोले विपुल तलाविया?
जीवनदीप ऑर्गन डोनेशन फाउंडेशन के पीएम विपुल तलाविया ने कहा कि ‘ पांच दिन के बच्चे का अंगदान हुआ है ये भारत में पहला और विश्व में दूसरा मामला है।’ वहीं विपुल तलाविया ने बताया कि बच्चे की दो किडनी, लीवर, आंखें और स्पीलन का अंगदान किया गया है जिसकी वजह से अन्य चार बच्चो को जीवनदान मिला है। बच्चे की दान में मिलीं दोनों किडनी और स्पलीन को IKRDC अहमदाबाद को दी गई है वहीं लीवर दिल्ली के ILDS अस्पताल को दिया है और आंखें सूरत के लोक दृष्टि चक्षु बैंक को दी गई है।